दुमका के चर्चित मनीषा जायसवाल हत्याकांड का खुलासा करते हुए मंगलवार को पुलिस नें हत्या में शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार अभियुक्तों में मनीषा जाससवाल की सौतन आशा देवी, उसका चचेरा देवर पीतांबर मंडल और देवर का दोस्त मुनताज़ अंसारी उर्फ़ लखपतिया शामिल है। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त फोर्ड फ़िगो कार को जप्त कर लिया है। पुलिस के मुताबिक मनीषा की हत्या उसके दूसरे पति प्रकाश मंडल की पहली पत्नी आशा देवी नें दो लाख रुपये की सुपारी देकर कारवाई थी। आशा नें अपने चचरे देवर पीतांबर मंडल (ग्राम- झालर, जिला- बांका, बिहार) और मुनताज़ अंसारी उर्फ़ लखपतिया (ग्राम- सिंहनी, बनियारा, सरैयाहाट, दुमका) को मनीषा की हत्या के लिए नगद दो लाख रुपये दिये थे। पहले से तय योजना के अनुसार हत्या वाले दिन सभी एक हरे रंग की फोर्ड फ़िगो कार से मनीषा से मिलने गए। फिर सभी घूमने के लिए मसानजोर गए और लौटते समय दुमका स्थित रीया रमन होटल में सभी नें खाना खाया। इसके बाद सभी हँसडीहा के लिए निकल गए। योजना के अनुसार कार के साथ एक बाईक भी चल रही थी। अमरपुर से नोनीहाट के बीच किसी सुनसान जगह पर कार के अंदर ही मनीषा को नजदीक दो गोली मारी गई थी जिससे उसने मौक़े पर ही दम तोड़ दिया था। मनीषा की हत्या के बाद शव को ठिकाने लगाने के उद्देश्य से चोरबतिया स्थित बंद पत्थर खदान में फेंक दिया गया था। जरमुण्डी एसडीपीओ शिवेंद्र ठाकुर ने बताया कि मनीषा जायसवाल प्रेग्नेंट थी। वह प्रकाश मंडल की सम्पति में हक मांग रही थी, जो हत्या की वजह बनी। पुलिस नें इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। अनुसन्धान जारी है। जल्द ही हत्या में शामिल अन्य अपराधियों को भी गिरफ्तार कर लिया जायेगा। इस काण्ड का उद्भेदन करनेवाले टीम में हँसडीहा पुलिस निरीक्षक संजय सुमन, हँसडीहा थाना प्रभारी रोहित कुमार, सरैयाहाट थाना प्रभारी विनय कुमार, रामगढ़ थाना प्रभारी अरविन्द कुमार, एसआई आनंद साहा, सचिन मिश्रा, खुर्शीद आलम, एएसआई अनुरंजन मिंज व राजेश पासवान शामिल थे।
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